ॠषि कर्दम Rishi Kardam Part AE

जब ब्रह्मा जी ने देखा कि सप्त ऋषि व् ब्रह्मा के पुत्र आदि सृष्टि के विकास में कुछ अधिक नहीं कर सके है और वंश परम्परा भी आगे नहीं बढ़ा रहे तब ब्रह्मा जी ने अपने शरीर के दो भाग किये ,दाएं भाग से स्वायम्भुव मनु पति हुए और बाएं भाग से  शतरूपा उनकी पत्नी हुई। मनु और शतरूपा से 5 संताने हुई। 1 -प्रियव्रत 2 -उत्तानपाद 3 -आकूति 4 -देवहुति 5 -प्रसूति

3 -आकूति का विवाह रूचि प्रजापति से किया ,4 -देवहुति का कर्दम से ,-5 -प्रसूति का दक्ष प्रजापति से किया

अब आप कर्दम ऋषि की सन्तानो के बारे में समझे कर्दम ऋषि का जन्म ब्रह्मा की छाया [shadow ] से हुआ था  ,कर्दम ऋषि और उनकी पत्नी  देवहुति से एक पुत्र कपिल [सांख्य शास्त्र के रचियता ]और 9 पुत्रियां हुई जिनके नाम निम्न है।
 1-कला , 2-अनुसुइया , 3-श्रद्धा , 4-हविर्भू , 5-गति , 6-क्रिया , 7- ख्याति ,8-अरुंधति , 9-शांति , 10-कपिल [पुत्र ]

कर्दम ऋषि ने अपनी इन कन्याओं का विवाह Part P में दिए ब्रह्मा के 7 पुत्रो आदि में किया ,जिसमे 1 - कला का विवाह मरीच को 2 -अनुसुइया को अत्रि से 3-श्रद्धा का अंगिरा से 4-हविर्भू का पुलत्स्य से 5 -गति  का पुलह  से ,6 -क्रिया का क्रतु से 7-ख्याति का भृगु से 8 -अरुंधति का वशिष्ठ से 9 - शांति का अथर्वा से

1 - कला और मरीच से से दो पुत्र हुए कश्यप और पूर्णिमा जिसमे कश्यप से ही सृष्टि का विकास हुआ और प्रसिद्ध हुए ,पूर्णिमा से विरज और विश्वग दो पुत्र और देवकुल्या पुत्री हुई ,यही देवकुल्या अगले जन्म में गंगा हुई।

2 -अनुसुइया और अत्रि से 1- दत्तात्रेय भगवान,2 - दुर्वासा  ऋषि , और 3 -चन्द्रमा का जन्म हुआ

3 -श्रद्धा और अंगिरा से 4 पुत्रियों ने जन्म लिया 1 -सिनीवाली 2 -कुहू 3 -राका 4-अनुमति इसके साथ 2 पुत्र हुए 1 -वृहस्पति 2-उतथ्य ,ये स्वरोचित मन्वन्तर में प्रसिद्ध हुए

4-हविर्भू का पुलत्स्य से महृषि 1-अगस्त और 2-विश्रवा , विश्रवा  की पत्नी इडविडा से यक्ष कुबेर का जन्म हुआ  विश्रवा की दूसरी पत्नी केशनी से रावण ,कुम्भकर्ण और विभीषण का जन्म हुआ

 5 -गति  का पुलह  से 1-कर्मश्रेष्ठ 2-वरीयान 3-सहिष्णु तीन पुत्र हुए ,

6 -क्रिया का क्रतु से बालखिल्यादि 60 हज़ार ऋषियों का जन्म हुआ

7-ख्याति का भृगु से [भृगु की एक ओर पत्नी थी जो दक्ष की कन्या थी ], भृगु की पत्नी ख्याति से धाता  और विधाता दो पुत्र और एक पुत्री श्री हुई,धाता और विधाता का विवाह मेरु ऋषि दो कन्याओं आयति और नियति से हुआ जिनसे मृकंड और प्राण दो पुत्र हुए मृकण्ड के पुत्र मार्कण्डेय और प्राण के वेदशिरा का जन्म हुआ। 

 8 -अरुंधति का वशिष्ठ से 7 पुत्र चित्रकेतु ,सुरुचि ,विरजा ,मित्र ,उल्बण ,वसुभ्रदाण,धुमान  दूसरी पत्नी से कई पुत्र हुए

 9 - शांति का अथर्वा से दधीच


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