राजा ऋषभ और भरत King Rishabh & Bharat Part AM
अब हम राजा ऋषभ के बारे में जानते है मनु के पुत्र प्रियव्रत ,प्रियव्रत के पुत्र आग्नीघ्र ,आग्नीघ्र के पुत्र नाभि और नाभि के पुत्र हुए ऋषभ ,इसी वंश में आगे राजा भरत हुए है जिनके नाम से इस देश का नाम भारत हुआ है। अब आप राजा ऋषभ की कहानी सुने। राजा नाभि के कोई संतान न थी इसलिए उन्होंने पत्नी मेरु देवी के सहित भगवान यज्ञ पुरुष की आराधना की ऋत्वजो ने यज्ञ आदि किये भगवान की प्रार्थना की ,प्रसन्न होने पर भगवान ने स्वयं ही उनके पुत्र के रूप में जन्म लिया . जो ऋषभ कहलाये। यह भगवान श्री हरि का एक अवतार हुआ। ऋषभ देव अजनाभ खंड [ जो बाद में भारत वर्ष कहलाया ] के राजा हुए। इनका विवाह इंद्र की कन्या जयंती से विवाह हुआ। जिससे 100 पुत्रो का जन्म हुआ। इनमे सबसे बड़े पुत्र का नाम भरत था। भरत के नाम पर ही इस देश का नाम भारत वर्ष हुआ। जयंती के 81 पुत्र वेद पाठी और भगवत भक्ति में डूबे रहने के कारण ब्राह्मण हो गए थे। शेष 9 पुत्र ही राजा हुए और शासन में सहयोग करते थे। राजा ऋषभ एक बार अपने भगवत भक्त पुत्रो को [जो ब्रह्म प्रदेश में तपस्या के लिए चले गए थे ] शिक्षा देने के लिए आय...