Part J-Satyavati & king Shantun
एक बार राजा शांतुन यमुना नदी के किनारे विचरण कर रहे थे उन्हें एक अनुपम सुगंध का अनुभव हुआ. वे उस सुगंध की तरफ चल दिए , यह सुगंध सत्यवती के शरीर से आ रही थी ,जो उसे ऋषि पाराशर से प्राप्त हुई थी.आगे चलने पर राजा शांतुन को वह स्त्री दिखाई दी , शांतुन ने उससे पुछा की आप कौन है ? स्त्री ने उत्तर दिया की वह निषाद की कन्या हे और पिता के कहने पर नदी में नाव चलाती हे,शांतुन ने उस स्त्री से विवाह का प्रस्ताव रखा ,सत्यवती ने राजा से कहा की में अपने पिता की अनुमति के विना कुछ नहीं कह सकती इस पर शांतुन ने सत्यवती के पिता निषादराज से सत्यवती से विवाह का प्रस्ताव रखा ,निषादराज ने कहा कि में इस कन्या का विवाह इस शर्त पर कर सकता हूँ कि इसकी ही संतान भविष्य में राजा बने किन्तु शांतुन बिना सहमति दिए वापस अपने महल आ गए क्योकि वह भीष्म का अधिकार किसी दूसरे को नहीं देना चाहते थे ,शांतुन चाहते थे कि भीष्म ही राजा बने और भीष्म के पुत्र ही राज्य के उत्तराधकारी हो। राजा शांतुन जब से यमुना नदी से निषादराज से मिलकर वापस आये तब से दुखी रहने लगे,भीष्म ने एक...
Comments
Post a Comment