Yayati & Devyani Part B
Part B- अब आप राजा ययाति और देवयानी की आगे की कथा सुने कि किस तरह राजा ययाति और देवयानी का विवाह हुआ। राजा ययाति नहुष के पुत्र थे, और ययाति
के पुत्र का नाम पुरू था। पुरू के कारण ही पुरू वंश की स्थापना हुई थी। पुरू वह पुत्र था जिसने अपनी जवानी अपने पिता को दी थी, बदले मे राजा ययाति ने पुरू को अपना सम्पूर्ण राज्य दिया था। पुरू की माता का नाम शर्मिष्ठा था। शर्मिष्ठा देवयानी की दासी थी, जब राजा ययाति का विवाह देवयानी से हुआ तो देवयानी के साथ जो कुछ भी था वह सब राजा को अर्पण किया गया था जिसमे स्वयं शर्मिष्ठा ने भी राजा ययाति को अपना मान लिया था। अब राजा ययाति की शादी की कथा सुने महाभारत जिसे जय सहिंता कहा जाता है जिसे वेद व्यास ने लिखा था यह कहानी उसी के अनुसार है। एक बार शर्मिष्ठा और देवयानी किसी नदी के किनारे जल क्रीडा कर रही थी। क्रीडा करने के वाद शर्मिष्ठा पहले जल से बाहर आ गई और उसने देवयानी के वस्त्र पहन लिए, जब देवयानी जल से बाहर आई तो देखा कि उसके वस्त्रो को शर्मिष्ठा ने पहन लिए है इस पर दौनो का झगड़ा हुआ, शर्मिष्ठा ने देवयानी को धक्का देकर एक अन्धे कुएं मे डाल दिया, और शर्मिष्ठा घर वापस आ गई, किन्तु देवयानी उस कुएं मे ही पडी रही। इसी समय राजा ययाति शिकार खेलते हुए इधर से निकले प्यास लगने के कारण वह उस अन्धे कुएं मे झाकने लगे, जिसमे देवयानी पडी थी, ययाति ने देवयानी का हाथ पकड़ कर कुएं से बाहर निकाला। क्रमश:
के पुत्र का नाम पुरू था। पुरू के कारण ही पुरू वंश की स्थापना हुई थी। पुरू वह पुत्र था जिसने अपनी जवानी अपने पिता को दी थी, बदले मे राजा ययाति ने पुरू को अपना सम्पूर्ण राज्य दिया था। पुरू की माता का नाम शर्मिष्ठा था। शर्मिष्ठा देवयानी की दासी थी, जब राजा ययाति का विवाह देवयानी से हुआ तो देवयानी के साथ जो कुछ भी था वह सब राजा को अर्पण किया गया था जिसमे स्वयं शर्मिष्ठा ने भी राजा ययाति को अपना मान लिया था। अब राजा ययाति की शादी की कथा सुने महाभारत जिसे जय सहिंता कहा जाता है जिसे वेद व्यास ने लिखा था यह कहानी उसी के अनुसार है। एक बार शर्मिष्ठा और देवयानी किसी नदी के किनारे जल क्रीडा कर रही थी। क्रीडा करने के वाद शर्मिष्ठा पहले जल से बाहर आ गई और उसने देवयानी के वस्त्र पहन लिए, जब देवयानी जल से बाहर आई तो देखा कि उसके वस्त्रो को शर्मिष्ठा ने पहन लिए है इस पर दौनो का झगड़ा हुआ, शर्मिष्ठा ने देवयानी को धक्का देकर एक अन्धे कुएं मे डाल दिया, और शर्मिष्ठा घर वापस आ गई, किन्तु देवयानी उस कुएं मे ही पडी रही। इसी समय राजा ययाति शिकार खेलते हुए इधर से निकले प्यास लगने के कारण वह उस अन्धे कुएं मे झाकने लगे, जिसमे देवयानी पडी थी, ययाति ने देवयानी का हाथ पकड़ कर कुएं से बाहर निकाला। क्रमश:
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