मरुद गण 49 Marud Bunch 49 Part AU
दिति नियमो का पालन करने लगी किन्तु इंद्र को शंका हुई कि दिति किसी नियम या व्रत पालन कर रही है कहीं यह हमारे लिए कोई कुचक्र तो नहीं रच रही। इसलिए इंद्र चुपके से दिति पर ध्यान देने लगे ,जल्दी ही इंद्र को पता चल गया कि दिति उसके लिए मारने का उपाय कर रही है। अतः इंद्र दिति के नियम भंग होने की प्रतीक्षा करने लगे। एक दिन दिति बिना मुँह धोये झूठे मुँह रात में सो गई इंद्र ने देखा की दिति का नियम टूट रहा है वे अवसर देख कर दिति के गर्भ में प्रवेश कर गए और जो गर्भ दिति के पेट में था उसके 7 टुकड़े कर दिए जब वे गर्भ के टुकड़े विरोध करने लगे तो इंद्र ने उन टुकड़ो से कहा कि हम तुम्हारे ही भाई है हम तुम्हे मारेंगे नहीं ,तुम्हारे 7 टुकड़ो के भी 7 करेंगे ,अब तुम 7 नहीं 49 पुत्र बन गए हो और मुझे मिलकर कुल 50 हुए है ,अब आप सब असुर न होकर सोमपायी मरुद बन गए हो , इस तरह से दिति के गर्भ के 49 टुकड़े हो गए।
जब दिति की नींद खुली तो दिति ने इंद्र से पूछा कि मेरे एक गर्भ के 49 टुकड़े कैसे हुए ? इंद्र तुम तो मेरी बहन अदिति के पुत्र हो। तब इंद्र ने पूरी बात बताई कि मुझे भय था कही मुझे मारने योग्य पुत्र को आप जन्म न दे इसलिए मैंने आपके एक पुत्र को 49 पुत्रो में बदल कर उन्हें सोमपायी पार्षद बना दिया है ये देवताओं के समान है ये पूज्य है मुझे मिलकर आपके कुल 50 पुत्र हुए है। इस प्रकार दिति के वे 49 पुत्र सोने के समान चमकते हुए मरुद गण कहलाए।
Comments
Post a Comment